Q6. What is Blood moon’ ? When does it happen ?
Q6. ब्लड मून’ (Blood moon) किसे कहते हैं ? यह कब होता है ?
भूमिका
ब्लड मून’ पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच से गुजरती है जो सूर्य की रोशनी को सीधे चंद्रमा पर पड़ने से रोकती है। पृथ्वी के वायुमंडल के किनारों से आने वाली हल्की रोशनी ने चंद्रमा की सतह को रोशन देती है जिससे यह लाल या लाल भूरे रंग का दिखाई देने लगता है।
मुख्य भाग
- चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी की छाया में चला जाता है। इसी दौरान कभी-कभी यह चंद्रमा पूरी तरह लाल भी दिखाई देता है। इसे ही ब्लड मून कहा जाता है
- यानी जब सूरज की किरणें धरती के वातावरण में घुसने के बाद मुड़ती हैं और फैलती हैं। नीला रंग, लाल या नारंगी रंग के मुकाबले अधिक फैलता है। इसलिए आकाश का रंग नीला दिखता है। लाल रंग सीधी दिशा में आगे बढ़ता है, इसलिए वो हमें सूर्योदय और सूर्यास्त के वक्त ही दिखाई देता है। उस वक्त सूर्य की किरणें धरती के वातावरण की एक मोटी परत को पार कर हमारी आंखों तक पहुंच रही होतीं हैं। चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्योदय या सूर्यास्त के समय की बची हुई लाल किरणें पृथ्वी के वातावरण से होते हुए चांद की सतह तक पहुंच जाती हैं। इसलिए ग्रहण के दौरान चंद्रमा हमें लाल नजर आने लगता है। पृथ्वी के वातावरण में ग्रहण के दौरान जितने ज़्यादा बादल या धूल होगी, चंद्रमा उतना ही ज़्यादा लाल दिखेगा।
‘ब्लड मून’ (Blood moon) का होने का समय:
- ब्लड मून (Blood Moon) की घटना तब होती है जब पूर्ण चंद्रग्रहण पर होता है। इस दौरान चंद्रमा लाल या सुर्ख भूरे रंग का दिखता है। जिसे ब्लड मून (Blood Moon) के रूप में जाना जाता है। आखरी ब्लड मून 26 मई 2021 को दिखाई दिया था।
- चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दौरान ही होता है। इस समय के दौरान, चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में होता है। इस समय सूर्योदय और सूर्यास्त के समय पृथ्वी पर पहुंचने वाली थोड़ी सी धूप चंद्रमा पर पड़ती है। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सूर्योदय और सूर्यास्त के दौरान आकाश लाल रंग का होता है। इसका मतलब है कि इस दौरान सफेद रोशनी में सभी सात VIBGYOR रंगों में से केवल लाल ही पृथ्वी पर पहुंचता है। यह लाल रंग का प्रकाश चंद्रमा पर परावर्तित होता है और इस प्रकार चंद्रमा ब्लड मून में बदल जाता है।
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी की सतह तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। दिन के इस समय के दौरान, प्रकाश को अधिक वायुमंडलीय कणों का सामना करना पड़ता है। ये कण प्रकाश की अधिकतम मात्रा को बिखेरते हैं। सूर्य के प्रकाश में सभी VIBGYOR रंगों में से, लाल रंग की तरंग दैर्ध्य (wavelength) सबसे अधिक है और इस प्रकार यह पृथ्वी की सतह तक पहुंच जाता है। पृथ्वी की ओर उनकी यात्रा के दौरान अन्य रंग बिखर जाते हैं।
निष्कर्ष
ब्लड मून की संख्या हर साल अलग-अलग होती है, लेकिन अक्सर यह सालाना 2-4 बार होती है। ब्लड मून की घटना बेहद खूबसूरत होती है। सूर्य की रोशनी पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर चंद्रमा पर पड़ती है तो यह अधिक चमकीला हो जाता है।
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