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भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 फरवरी 2025 को, लोकसभा में नया आयकर विधेयक 2025 पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य 1961 के आयकर अधिनियम को प्रतिस्थापित करना है तथा कर संहिता (कोड) को सरल बनाना, मुकदमेबाजी को कम करना एवं भारतीय करदाताओं के लिए अनुपालन को सुविधाजनक बनाना है।
संसद में नया आयकर विधेयक 2025 पेश
नया आयकर विधेयक 2025, सुबह 11 बजे से दोपहर 3:30 बजे के बीच पेश किया जाएगा। इस विधेयक को संसद में विधायी कार्य के हिस्से के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। इसे लोक सभा के संशोधित एजेंडे में 27वें मद के रूप में रखा गया है। 1961 के आयकर अधिनियम की स्थापना के बाद से इसमें दो अंतरिम बजट सहित, 66 बजटों के माध्यम से परिवर्तन हुए हैं।
नए आयकर विधेयक 2025 में, क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल लेनदेन के संदर्भ में नियमों को संशोधित किया गया है, किन्तु नए कर नहीं लगाए गए। उम्मीद है कि- प्रशासन आज संसद में नए आयकर विधेयक, 2025 के अतिरिक्त वक्फ तथा नए आव्रजन विधेयक भी पेश करेगा। नए आयकर विधेयक 2025 की मुख्य विशेषताएं जानने के लिए, इस लेख को पढ़िए।
नये आयकर विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- ‘कर वर्ष’ की अवधारणा
- वित्तीय वर्ष में कोई परिवर्तन नहीं
- धाराओं (Sections) में परिवर्तन
- निवास कानून (Residency Law) में कोई परिवर्तन नहीं
- व्यापक आयकर विधेयक
- सामान्य व्यक्ति के लिए व्याख्या में सुगमता
- TDS अनुपालन में सरलता, किन्तु बाद में अधिक परेशानी
- ITR दाखिल करने की समयसीमा, इनकम टैक्स स्लैब तथा पूंजीगत लाभ में कोई परिवर्तन नहीं
- नए कानून का क्रियान्वयन
नए आयकर विधेयक 2025 की मुख्य विशेषताएं
- नये विधेयक द्वारा वर्तमान कानून को सरल और छोटा बना दिया गया है, जिससे इसकी लंबाई 800 पृष्ठों से घटकर 622 पृष्ठों तक ही रह गई है।
- इसे समझना आसान है, क्योंकि इसमें पुराने प्रावधान (क्लॉज़) हटा दिए गए हैं तथा कर दरों को सरलता से पढ़ी जा सकने वाली सारणीबद्ध शैली में प्रदर्शित किया गया है।
- “कर वर्ष” का परिचय: गलतफहमी को कम करने के लिए, “कर वर्ष” शब्द के स्थान पर “मूल्यांकन वर्ष” और “वित्तीय वर्ष” जैसे वाक्यांशों का प्रयोग किया गया है। 1 अप्रैल से प्रारंभ होने वाले बारह महीनों को, कर वर्ष के रूप में जाना जाएगा।
- बेहतर स्पष्टता: इस विधेयक का उद्देश्य, अनावश्यक अनुभागों और फ़ुटनोट्स को हटाकर कर नियमों को सरल बनाना है, जिससे उन्हें समझना आसान हो जाएगा। इस रणनीति का उद्देश्य कानूनी जटिलताओं को कम करना एवं स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देना है।
- कार्यान्वयन के लिए समय-सीमा: यदि आयकर अधिनियम, 2025 पारित हो जाता है, तो यह 1 अप्रैल, 2026 से प्रभावी हो जाएगा, जिससे विशेषज्ञों तथा करदाताओं को नए नियमों से परिचित होने का पर्याप्त अवसर प्राप्त होगा।